पौष मास (6-1-2019 से ) में सूर्योपासना का महत्व
पौराणिक ग्रंथों
की मान्यता अनुसार पौष मास में सूर्य देव की उपासना उनके भग नाम से करनी चाहिये।
पौष मास के भग नाम सूर्य को ईश्वर का ही स्वरूप माना गया है। पौष मास में सूर्यो
को अर्ध्य देने व इनका उपवास रखने का विशेष महत्व माना गया है। कुछ पुराणों में
पौष मास के प्रत्येक रविवार तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन, लाल रंग के पुष्प डालकर भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को
अर्ध्य देने की भी मान्यता है। मान्यता है कि इस मास प्रत्येक रविवार व्रत व उपवास
रखने और तिल चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से मनुष्य तेजस्वी बनता है।
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